दिल्ली सल्तनत के राजवंश
वंश | राज्य-काल | प्रमुख शासक |
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मामलुक या गुलाम वंश | 1206 – 1290 | कुतुबुद्दीन ऐबक, इल्तुतमिश, रजिया सुल्तान, गियासुद्दिन बलबन |
खिलजी राजवंश | 1290 – 1320 | अलाउद्दीन खिलजी |
तुगलक वंश | 1321 – 1413 | मुहम्मद बिन तुगलक, फिरोज शाह तुगलक |
सैयद वंश | 1414 – 1450 | खिज्र खान |
लोधी वंश | 1451 – 1526 | इब्राहिम लोदी |
महत्वपूर्ण शासक और उनसे जुड़ी जरुरी जानकारी
कुतुबुद्दीन ऐबक
- वह मोहम्मद गोरी का एक गुलाम था ।
- वह गुलाम वंश (मामलुक सल्तनत) का संस्थापक और दिल्ली का पहला सुल्तान था ।
- उसने 1206 से 1210 ईस्वी तक, केवल चार साल शासन किया । उसकी मृत्यु लाहौर में पोलो खेलते समय हुई ।
- दिल्ली का क़ुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद और अजमेर का ढाई दिन के झोंपड़े का निर्माण उसने किया था ।
- प्रसिद्ध सूफी संत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी को समर्पित दिल्ली के कुतुब मीनार का निर्माण उसीने शुरू किया था ।
- उसकी उदारता के लिए उसे लाखबक्श के नाम से भी याद किया जाता है ।
इल्तुतमिश
- उसने चांदी का टंका और तांबे का जितल दो महत्वपूर्ण सिक्के चलवाए (एक सिक्के का मानक वजन 175 अनाज के दाने था)।
- उसने इक़्तादारी प्रणाली की शुरुवात की, जिसमे साम्राज्य को इक़्तों मे विभाजित किया गया और वेतन के एवज में रईसों और अधिकारियों को सौंपा गया ।
- उसने 1230 में महरौली के हौज-ए-शम्शी जलाशय का निर्माण किया ।
- कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा शुरू किया कुतुब मीनार का कार्य पूरा किया ।
- सुल्तान घड़ी जिसे दिल्ली की पहली इस्लामी समाधि माना जाता है उसने अपने सबसे बड़े पुत्र, राजकुमार नसीरुद्दिन महमूद की स्मृति निर्मित की थी ।
- मंगोलियाई हमलावर चंगेज खान, ने इसीके शासनकाल के दौरान सिंधु नदी के तट पर पहला हमला किया था ।
- इल्तुतमिश ने 25 वर्षों तक शासन किया, और सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला गुलाम सुल्तान था ।
रजिया सुल्तान
- रजिया दिल्ली के सिंहासन पर बैठने वाली पहली महिला थी ।
- अपने पिता शम्स-उद-दीन इल्तुतमिश के बाद 1236 में दिल्ली की सल्तनत को संभाला ।