भारत के इतिहास में महिला शासक
(women in indian history)
रानी रुद्रम्मा (1259 – 1289 ई.)
- रुद्रमा देवी दक्कन के पठार पर शासन करने वाले काकतीय वंश की थीं ।
- वह राजा गणपतिदेव की बेटी थी जिन्होने औपचारिक रूप से उसे प्राचीन पुत्रिका समारोह में एक पुत्र के रूप में नामित किया और उसका नाम रुद्रदेव रखा ।
- उन्होने राज्य का कार्यभार केवल चौदह वर्ष की उम्र में सम्भाल लिया था ।
- उनका विवाह निदादावोलु के पूर्वी चालुक्य राजकुमार वीरभद्र से हुआ था ।
- उन्होने अपने पिता द्वारा शुरू किए गए वारंगल किले को पूरा किया ।
- उनके शासनकाल के दौरान यात्रा करने वाले वेनिस के यात्री मार्कोपोलो लिखते हैं कि वे न्याय और शांति के प्रेमी थीं ।
रानी दुर्गावती (1524 – 1564 ई.)
- गोंडवाना के शासक दलपत शाह की मृत्यु के बाद रानी दुर्गावती ने अपने पुत्र बीर नारायण की ओर से 1548 से 1564 तक गोंडवाना पर शासन किया ।
- मुगल सम्राट अकबर ने 1564 में गोंडवाना पर हमला किया ।
- रानी दुर्गावती ने आक्रमणकारी सेना के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया लेकिन अंततः जब उनकी हार निश्चित लगने लगी तो उन्होने आत्मा हत्या कर ली ।
चाँद बीबी (1550 – 1599 ई.)
- चाँद खातून या चाँद सुल्ताना के नाम से भी जानी जाती है ।
- वे अहमदनगर के हुसैन निजाम शाह प्रथम की बेटी थी ।
- उनका विवाह बीजापुर के सुल्तान आदिल शाह से हुआ था, जिनकी हत्या उन्ही के साथियों ने की थी।
- वे 1580 से 90 ई. तक बीजापुर की रीजेंट और 1596 से 99 ई. तक अहमदनगर की रीजेंट थीं ।
- 1595 में जब मुगलों द्वारा अहमदनगर पर आक्रमण किया गया था, तो उन्होंने इसकी सफलतापूर्वक रक्षा की थी।
- 1599 में, अकबर की सेनाओं ने एक बार फिर अहमदनगर किले की घेराबंदी की। लेकिन जब उन्होने मुगलों से बातचीत करने की कोशिश की, तो उनके सैनिको ने उसे गलत समझा और चांद बीबी को मार डाला ।
देवी अहिल्या बाई होल्कर (1725 – 1795 ई.)
- देवी अहिल्या बाई होल्कर ने अहमदनगर पर 1766 से 1795 तक शासन किया।
- वह मनकोजी शिंदे की बेटी थीं।
- 1733 में उनका विवाह खांडे राव से हुआ, जिनकी मृत्यु 1754 में कुंभेर की लड़ाई में हुई।
- उनके ससुर मल्हार राव होल्कर ने 1766 में अपनी मृत्यु तक राज्य पर शासन करने में उनका मार्गदर्शन किया।
कित्तूर रानी चेन्नम्मा (1778 – 1829 ई.)
- रानी चेन्नम्मा का विवाह कर्नाटक के बेलगाम की एक रियासत, कित्तूर के राजा मुल्लासरजा से हुआ था।
- उनके पति की मृत्यु 1816 में हुई, उनका एक बेटा था, जिसके मृत्यु 1824 मे हुई ।
- जब रानी चेन्नम्मा ने शिवलिंगप्पा को गोद लेकर सिंहासन का उत्तराधिकारी बनाया, तो अंग्रेजों ने इसे स्वीकार नहीं किया।
- अपने राज्य की रक्षा के लिए एक लड़ाई के बाद, उसे बंदी बना लिया गया और उसे बैल्हंगल किले में रखा गया जहाँ उन्होने 1829 में अंतिम सांस ली।
रानी लक्ष्मी बाई (1835 – 1858 ई.)
- रानी लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी में हुआ था और उनका नाम मनु था।
- उनकी शादी 1842 में झांसी की शासक गंगाधर से हुई थी।
- जब उनके पति और बेटे दोनों की मृत्यु हो गई तो उन्होने सिंहासन का उत्तराधिकारी बनाने के लिए एक बच्चे को गोद ले लिया ।
- तत्कालीन ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौज़ी ने गोद लेने को मान्यता देने से इनकार कर दिया और झाँसी पर कब्जा करने का आदेश दिया।
- रानी लक्ष्मीबाई ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह कर रहे अन्य शासकों में शामिल हो गईं ।
- वे ग्वालियर में गम्भीर रूप से घायल हो गई और जून 1858 में उनकी मृत्यु हो गई ।
रानी अवंतीबाई( ? – 1858 ई.)
- उनका विवाह रामगढ़ राज्य के शासक विक्रमादित्य सिंह से हुआ था ।
- विक्रमादित्य सिंह की मृत्यु के समय उनकी कोई संतान नही थी ।
- जब अंग्रेजों ने उनका राज्य छीना, तो अवंतीबाई ने अंग्रेजों से अपना राज्य वापस जीतने की शपथ ली ।
- उन्होने चार हज़ार सैनिकों की एक सेना खड़ी की और 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध किया।
- एक भीषण लड़ाई के अंत में जब उन्होने देखा कि हार निश्चित है तो अपने प्राण खुद ले लिए ।